tag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post5154345482055285012..comments2023-11-05T16:48:23.884+05:30Comments on सृजन _शिखर: नये दशक का नया भारत ( भाग- २ ) : गरीबी कैसे मिटे ?उपेन्द्र नाथhttp://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comBlogger38125tag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-68887400053968477712011-01-20T12:30:54.095+05:302011-01-20T12:30:54.095+05:30सराहनीय कदम है उपेन्द्र जी ......
लगे रहिये ....!!...सराहनीय कदम है उपेन्द्र जी ......<br />लगे रहिये ....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-56598525927992450462011-01-18T22:50:36.313+05:302011-01-18T22:50:36.313+05:30bouth he aacha blog hai aapka....and very nice pos...bouth he aacha blog hai aapka....and very nice post.......<br /><br /><a href="http://lyrics-mantra.blogspot.com/" rel="nofollow">Lyrics Mantra</a><br /><a href="www.musicbol.com" rel="nofollow">Music Bol</a>ManPreet Kaurhttps://www.blogger.com/profile/17999706127484396682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-23135503486149612132011-01-18T19:37:09.327+05:302011-01-18T19:37:09.327+05:30गहन विश्लेषण से युक्त आलेख । उस पर सारगर्भित टिप्प...गहन विश्लेषण से युक्त आलेख । उस पर सारगर्भित टिप्पणियों ने लेख को और भी सार्थक बनाया। आपका एवं अन्य पाठकों का आभार, इस सुन्दर चर्चा के लिए।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-90387909665626098512011-01-18T19:11:12.247+05:302011-01-18T19:11:12.247+05:30जिस देश के नेता ये कहते हों की गरीबों के पास पैसा ...जिस देश के नेता ये कहते हों की गरीबों के पास पैसा ज्यादा आ गया है इसलिए वो ज्यादा खाने लगे हैं और यही महंगाई का कारण है. उस देश का क्या हो सकता है..रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-41087009512861962432011-01-18T15:21:53.747+05:302011-01-18T15:21:53.747+05:30आपके ब्लॉग पर कई बार आकर भी टिपण्णी नहीं कर पाई मे...आपके ब्लॉग पर कई बार आकर भी टिपण्णी नहीं कर पाई मेरा नेट काफी स्लो चलता है टिपण्णी की बॉक्स खुल ही नहीं पाता कई बार .....डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) https://www.blogger.com/profile/00271115616378292676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-38133730960155065332011-01-18T15:20:05.503+05:302011-01-18T15:20:05.503+05:30उपेन्द्र जी बहुत ही अच्छे विषय को आपने उठाया है आज...उपेन्द्र जी बहुत ही अच्छे विषय को आपने उठाया है आज ये समस्या बहुत गहरी बन गयी है ... पर इन सब बातों के साथ साथ आवाम के मानसिक सोंच का जो स्तर है उसे जबतक नहीं बदला जायेगा तबतक ये सारी कोशिशें बस किताबी ही रह जाएँगी क्योंकि किसी भी बदलाव के जरुरी है सामाजिक सोंच का एक दिशा में बदलना और इसे पूरा करने में काफी मशक्कत करनी होगी तब जाकर हर पहलु का रंग धीरे धीरे निखरेगा ...........बहुत ही अच्छा लगा पढ़कर बस इसे लोग जाने और उसे उतारें अपने मानसिक सोंच में विकसित करें ...डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) https://www.blogger.com/profile/00271115616378292676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-58753650825165627612011-01-17T21:01:01.134+05:302011-01-17T21:01:01.134+05:30योजना आयोग अपने ए सी कमरे से बाहर निकले तो बात बने...योजना आयोग अपने ए सी कमरे से बाहर निकले तो बात बने :(चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-61716641059857590762011-01-17T20:17:37.821+05:302011-01-17T20:17:37.821+05:30Upendra ji,
Apake sujhaye hue upay sudrid bharat k...Upendra ji,<br />Apake sujhaye hue upay sudrid bharat ke liye aawashyak hain.<br />Sabse upar bhrashtachaar ka mudda hai jispar turant kaabu pane ki jarurat hai .<br />Bahut saarthak lekh hai.<br />-Gyanchand Marmagyaज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-34008038187654423182011-01-17T16:41:30.106+05:302011-01-17T16:41:30.106+05:30उपेन जी जहाँ एक तरफ़ ब्लॉग जगत में गुटबाजी और एक द...उपेन जी जहाँ एक तरफ़ ब्लॉग जगत में गुटबाजी और एक दूसरे पर पोस्ट और टिप्पणी के माध्यम से कीचड़ उछालने का दौर जारी है वहीं इन सब से दूर आप का यह सार्थक लेखन प्रशंसनीय है।<br /><br />आप की इस श्रृंखला से बहुत से अमूल्य सुझाव निकलकर आए हैं।<br />बधाई।सोमेश सक्सेना https://www.blogger.com/profile/02334498143436997924noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-65249340752094863022011-01-17T15:54:48.366+05:302011-01-17T15:54:48.366+05:30badhiya aalekh!badhiya aalekh!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-16901709728517265462011-01-17T14:57:05.619+05:302011-01-17T14:57:05.619+05:30एक ज्वलंत मुद्दे को उठाया है आपने और बहुत ही बेहतर...एक ज्वलंत मुद्दे को उठाया है आपने और बहुत ही बेहतरीन सुझाव भी दिए हैं ... मेरा मानना है की अगर कोई उपाय कर के देश में ईमानदारी और चरित्र निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ हो तो आने वाले २०-३० सालों में देश ग़रीबी रेखा से भी उठ जायगा ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-31924014140641337082011-01-17T11:18:04.930+05:302011-01-17T11:18:04.930+05:30अच्छा विश्लेषण। चिंतन योग्य ही नहीं,अमल करने योग्य...अच्छा विश्लेषण। चिंतन योग्य ही नहीं,अमल करने योग्य भी।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-31252901070493215632011-01-17T10:47:35.935+05:302011-01-17T10:47:35.935+05:30सशक्त विषय का ..... बढ़िया विश्लेषणसशक्त विषय का ..... बढ़िया विश्लेषणसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-71904105002995735602011-01-16T22:54:02.155+05:302011-01-16T22:54:02.155+05:30उपेन्द्र जी,
अच्छी पहल की है आपने। इस तरह के विमर्...उपेन्द्र जी,<br />अच्छी पहल की है आपने। इस तरह के विमर्श से हमें बहुत कुछ जानने को मिलता है। मेरे सुझाव को आपने अपनी पोस्ट में स्थान दिया, आभारी हूँ। साथ ही स्पष्ट करना चाहता होँ कि मेरे अपने विचार मेरे देखे जाने क्षेत्र हरियाणा, पंजाब से संबंधित हैं जिन्हें देश के समृद्ध राज्यों में गिना जाता है। देश के दूसरे हिस्सों की सच्चाई और आंकड़े अलग हो सकते हैं।<br />और मित्र, आपने ईमेल में एक बात कही थी कि आप ब्लॉगजगत से हटने का मन बना रहे थे, निराश होकर ऐसा सोचियेगा भी नहीं। कोई और वजह हो, पारिवारिक\व्यक्तिगत व्यस्ततायें हों तो अलग बात है अन्यथा आज के माहौल में अच्छे लोगों की और ज्यादा जरूरत है।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-9972133622436250332011-01-16T19:11:31.842+05:302011-01-16T19:11:31.842+05:30upendra ji
bahut hi badhiya vishhy chuna hai aapne...upendra ji<br />bahut hi badhiya vishhy chuna hai aapne jo ham sabhi ke liye vicharniy hai aur sath hi sath kuchh karne ki prarana bhi deta hai.main sabhi ki tippniyo ka samrthan karti hun kyon ki sabhi ne bahut hi achche achche vicharon ko is sandarbh me prastut kiya hai.aapne bahut hi umda tareeke se aalekh ka vishhleshhan kiya hai.<br />bahut hi sarahniy avam vicharniy prastuti ke liye aapko hardik badhai.<br /> poonamपूनम श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09864127183201263925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-14173853993358188072011-01-16T18:15:47.267+05:302011-01-16T18:15:47.267+05:30behatreen lekhan...likhte rahen yunhibehatreen lekhan...likhte rahen yunhiAbha Khetarpalhttps://www.blogger.com/profile/07192667459693868378noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-83037576073122334732011-01-16T18:11:33.126+05:302011-01-16T18:11:33.126+05:30बेहतरीन पोस्ट के लिये आभार, ऊपेन्द्र जी !बेहतरीन पोस्ट के लिये आभार, ऊपेन्द्र जी !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-80794394281749787832011-01-16T14:52:20.659+05:302011-01-16T14:52:20.659+05:30बहुत ही बढ़िया पोस्ट है ... आपने बहुत सुन्दर ढंग से...बहुत ही बढ़िया पोस्ट है ... आपने बहुत सुन्दर ढंग से विश्लेषण किया है और आच्छे तरीके सुझाये हैं ...<br />मुझे तो लगता है कि तीन क्षेत्र ऐसा है जिनमे सुधर कर दिया जाय तो बाकी सब धीरे धीरे सुधर जायेंगे ...<br />१. देश की जनसंख्या ... इसे संतुलित बनाने का हर संभव प्रयास होना चाहिए <br />२. शिक्षा ... शिक्षा प्रणाली को सुधारना होगा ...<br />३. धर्म ... धार्मिक रूढिवाद, जात पात इत्यादि पूरी तरह से खतम करना होगा ... धर्म, जाति के आधार पर की गई आरक्षण समाप्त करने होंगे ...स अमाज को धर्म और जाति के आधार पर बांटने वाले राजनेताओं को सख्त सज़ा देना होगाIndranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-15257870705121269672011-01-16T12:15:32.351+05:302011-01-16T12:15:32.351+05:30बहुत ही सुन्दर सारगर्भित आलेख.बहुत ही सुन्दर सारगर्भित आलेख.PN Subramanianhttp://mallar.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-84513079231659527572011-01-16T08:41:53.595+05:302011-01-16T08:41:53.595+05:30भ्रष्टाचार नाम का अजगर इस देश में जब तक फलता फूलता...भ्रष्टाचार नाम का अजगर इस देश में जब तक फलता फूलता रहेगा तब इन समस्याओं का निदान संभव नहीं.अगर समस्याओं का वास्तव में हल चाहिए तो इस अजगर को पहले मारना पड़ेगा और इसके लिए हर आदमी को अपने गिरेबान में झांकना पड़ेगा , इससे आसान कोई हल नहीं.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-24641741947128349552011-01-16T01:30:12.041+05:302011-01-16T01:30:12.041+05:30एक सशक्त विषय का सटीक विश्लेषण ..... मुझे लगता है ...एक सशक्त विषय का सटीक विश्लेषण ..... मुझे लगता है शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र के साथ ही अन्य क्षेत्रों के लिए भी जितना कुछ किया जा रहा जो योजनायें हैं ......वो भी कम नहीं है समस्या यह है की पारदर्शिता और प्रभावी ढंग से इन्हें लागू नहीं किया जा रहा है। भ्रष्टाचार हर क्षेत्र की समस्या है। हर इंसान खुद की सोच रहा है देश के बारे में समग्र रूप से सोचे जाने के भाव भी लोगों के मन में जागे। संतुलित विकास.....सबका विकास ज़रूरी है। डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-15779376103276898772011-01-15T21:47:03.199+05:302011-01-15T21:47:03.199+05:30उपेंद्र बाबू! हमारे साझा ब्लॉग़(मेरे मित्र चैतन्य क...उपेंद्र बाबू! हमारे साझा ब्लॉग़(मेरे मित्र चैतन्य के साथ सम्वेदना के स्वर)पर हमने बहुत कोशिस की यह समझने,समझाने की... लेकिन लोग सलाह देना तो दूर, कट कर निकल लिये...<br />कभी फुर्सत में पढ़्कर देखिये, कई सुझाव, विचार मिलेंगे... <br />आपकी यह पोस्ट भी एक अर्थशास्त्र का शोध प्रबंध होने की योग्यता रखती है!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-42193678807568606622011-01-15T19:39:12.287+05:302011-01-15T19:39:12.287+05:30गरीबी दूर करने का एक उपाय और है ब्लॉग पर गरीबी हट...गरीबी दूर करने का एक उपाय और है ब्लॉग पर गरीबी हटाने के सुझाव संबंधी पोस्टस डालनी चाहिये।Rajeyshahttps://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-70961467513183988682011-01-15T16:24:08.064+05:302011-01-15T16:24:08.064+05:30उपेन्द्र भाई, बहुत ही सार्थक विचार हैं, इनपर मनन ...उपेन्द्र भाई, बहुत ही सार्थक विचार हैं, इनपर मनन होना चाहिए।<br /><br />---------<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">डा0 अरविंद मिश्र: एक व्यक्ति, एक आंदोलन।</a><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">एक फोन और सारी समस्याओं से मुक्ति।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3306441464778317174.post-26044519334506214442011-01-15T16:14:39.326+05:302011-01-15T16:14:39.326+05:30भारत दुनिय का सब से अमीर देश हे, यहां कोई समस्या न...भारत दुनिय का सब से अमीर देश हे, यहां कोई समस्या नही अगर हमारे देश से भर्ष्टाचार खत्म हो जाये, यह नेता, यह अमीर होते लोग जो किसी भी तरह से सिर्फ़ अपनी जेब भरते हे, इन पर नकेल कसी जाये तो देश मै कही भी कोई भुखा ना सोय़े, आज विदेशो मे जब देखते हे, जेसे जर्मनी मे ही देखे यहां खाद्या पादर्थ बहुत कम होते हे, लेकिन यहां फ़िर भी यह सब बहुत सस्ते हे, जब कि यहां कारे ओर अन्य मशीनरी बनती हे लेकिन वो सब महंगी हे, जिस से जनता को भरपेट खाना तो मिलता हे, बाकी ऎश की चीजे मिले या ना मिले, जब्कि हमारे देश मै खाना हद से महंगा हे, बाकी समान हद से ज्यादा सस्ता, जब तक हम इस हिसाब किताब को सही नही करेगे तब तक कोई हल नही निकलने वाला,अगर भारत भुखा नंगा होता तो विदेशी कमप्नियां कभी भी भारत की ओर रुख नही करती, इस लिये हम गरीब तो बिलकुल नही, हमे गरीब बनाया गया हेराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com