
बहुत बडा हुआ था सम्मेलन
दूर - दूर से बडे बडे नेता
एवं गणमान्य व्यक्ति
पधारे हुये थे
विषय था
गंगा के पवित्र जल को
गंदा व अपवित्र होने से
बचाने का ।
अतिथि महोदय यानि मंत्री जी
फरमा रहे थे आराम
फूल की माला व हारों के बीच
एक अच्छे व दमदार भाषण से
माहौल को गर्म कर देने के बाद।
अचानक बज उठी थी घंटी
अतिथि महोदय के मोबाइल की
"साहब-मिल मजदूरों ने
वेतन-वृध्दि के लिये
कर दी है हडताल।"
सबने देखा था आश्चर्य से
मोबाइल पर बदलते हुए
अतिथि महोदय के चेहरे का भाव
" जलाकर सालों को
बहा दो गंगा में
ताकि किसी को इसकी
खबर तक न लगे । "
(यह चित्र इलाहाबाद के संगम का है)