© कापीराइट

© कापीराइट
© कापीराइट _ सर्वाधिकार सुरक्षित, परन्तु संदर्भ हेतु छोटे छोटे लिंक का प्रयोग किया जा सकता है. इसके अतिरिक्त लेख या कोई अन्य रचना लेने से पहले कृपया जरुर संपर्क करें . E-mail- upen1100@yahoo.com
आपको ये ब्लाग कितना % पसंद है ?
80-100
60-80
40-60

मेरे बारे में

मेरे बारे में
परिचय के लिए कृपया फोटो पर क्लिक करें.

Friday, January 21, 2011

बुलंद हौसले का दूसरा नाम : आभा खेत्रपाल



आभा खेत्रपाल
                   कहते है " उम्मीद कभी ख़त्म नहीं होती , अगर दिल में  लगन और चाहत  हो ",  इसे  चरित्तार्थ किया है दिल्ली की रहने वाली आभा खेत्रपाल जी ने  । १८ जून १९६८ को अम्बाला में जन्मीं आभा खेत्रपाल आज किसी परिचय की मोहताज नहीं । जिन कठिन परिस्थितियों में उन्होंने अपनी जिंदगी के बरस  गिने है वह किसी साधारण व्यक्ति के बस की शायद बात नहीं। सिर्फ ३ साल की उम्र में पोलियो से ग्रस्त होने के बाद उनका शेष जीवन कठिनाईयों से भरा रहा है  , मगर उहोंने कभी भी हार मानना नहीं सीखा।
 
                 जिस उम्र में बच्चे  सपनों की दुनिया  पर फैलाना सीखते है  वह उम्र इनके लिये एक अभिशाप की तरह आई थी। अन्य बच्चों की तरह अब वह न तो खेल- कूद सकती थी और न ही स्कूल जा सकती थी।

                मगर कुछ कर गुजरने की ललक उन्हें हार मानकर  एक अभिशप्त  जीवन  जीने  को मजबूर  नहीं कर  सकी । शिक्षक  माता  पिता  से उन्हें भरपूर सहयोग मिला और उन्होंने घर पर ही अपनी शिक्षा शुरू की । उनकी पढ़ाई के प्रति मेहनत और लगन का ही नतीजा  था कि उनको  ९ वीं कक्षा में आखिरकार राजौरी गार्डेन के कैम्ब्रिज  फाउन्डेशन  स्कूल में दाखिला मिल गया, जहाँ से उन्होंने १२ वीं तक की शिक्षा ग्रहण की।

(वेब साईट  पर जाने के लिये कृपया इस फोटो पर क्लीक करें )

              इसके बाद आभा जी यहीं नहीं रुकी और दिल्ली विश्वविद्यालय से  स्नातक  करने के बाद पंजाब  विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर, अन्नामलाई  विश्वविद्यालय से  अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर , मुम्बई से ' साईको  थिरेपी और काऊंसिलिंग ' में एम. एस. सी.  और फिर कम्प्युटर सॉफ्टवेर अप्लिकेशन  में स्नातकोत्तर  डिप्लोमा किया।

             कठिन परिस्थितियों में  स्वाध्याय, मेहनत और लगन से प्राप्त  की गयी इस शिक्षा को उन्होंने सिर्फ अपने तक ही सीमित नहीं रखा है ।  आज वह दिल्ली के सुभाष नगर में क्रास द हर्डल नामक एक संगठन के माध्यम से निशक्त और विकलांग लोंगों के लिये एक उम्मीद की किरण बनीं हुई है । इस क्रास द हर्डल  संगठन की एक वेब साईट  भी है जिसके माध्यम से आभा जी ऐसे बच्चों की मुफ्त आन लाइन कैरियर काऊंसिलिंग भी  करती है ।  इसके अलावा वह ऐसे विद्यार्थियों को घर  पर ही ट्यूशन भी  पढ़ाती है. इस वेब साईट पर हर तरह की डिसेबिलिटी के बारे में विस्तृत जानकारी तथा उससे  सरवाईव  करने के लिये हर तरह की  प्रेरणा , साधन और  निर्देशन मौजूद है ।  इस बारे में और अधिक जानकारी वेब साईट  क्रास द हर्डल  पर उपलब्ध है ।  आज वह अपने इस परोपकारी कार्य के सहारे कितने ही  बेसहारा  और निशक्त लोंगों को आत्म निर्भर बनाकर एक सामान्य जीवन  जीने की प्रेरणा दे रही है।  क्रास द हर्डल के बारे में फेसबुक पर भी जानकारी उपलब्ध  है जहा इसमें करीब ५०० लोग पहले से ही जुड़े हुए है।

( आभा जी अपने माता पिता के साथ  )

                  आभा जी इन  सबसे अलग  एक नामी कवित्री भी  है । इन्होंने आर्कुट पर सृजन का सहयोग नाम से एक कम्युनिटी बनाई है , जिससे  कई नामी साहित्यकार भी जुड़े है । आज इस  कम्युनिटी के सदस्यों की संख्या  ५५०  के करीब है. इस पर समय - समय पर कई प्रतियोगिताएं भी आयोजित होती है और नये लेखकों का उत्साहवर्धन भी किया जाता है । नीचे उनकी ही लिखी एक कविता प्रस्तुत है...............

चलते - चलते
चलते - चलते 
मिली सुगंध 
समेटना चाहा मैंने 
बोली......
" रानी हूँ श्रृंगार की
 वीभत्स में समाऊँ कैसे ?"
चलते- चलते 
मिली ठंडक 
शीतल होना चाहा  मैंने 
बोली.........
"सुखों के हिम पर वास  करती हूँ
तपती- जलती रेत पर छाऊँ कैसे ?"
चलते -चलते 
मिली मिठास
चखना चाहा  मैंने 
बोली............
"जिंदगी बदमिजाज है तुम्हारी
कड़वाहट अपनाऊ कैसे ?"
आगे थी रौशनी
पास में थी शांति
कुछ न कह पाई उससे
बस , नजरें झुकाए
फिर से 
ठुकराए जाने का डर लिये
लौट आयी घर को मै ....

                            (आभा खेत्रपाल)

कुछ महत्वपूर्ण लिंक :
Interview of Abha Khetarpal by Jagran Group
Interview of Abha Khetarpal by Salaam Namaste 90.4 FM 
Interview with CNEB News Channel 
Massage on Polio day 
On hindustan Times  
On The New Observer Post

58 comments:

  1. इस जीवटता के नाम जिन्दगी।

    ReplyDelete
  2. मन के जीते जीत.

    ReplyDelete
  3. ऐसी प्रतिभाओं के कारण ही आज handicapped शब्द का स्थान DIFFERENTLY ABLED शब्द ने ले लिया है।

    ReplyDelete
  4. आभा जी से नाता बहुत पुराना है. और उनकी जीवटता का कोई सानी नहीं.वह एक जीती जागती सुपर वोमेन हैं.जो काम करती हैं पूरी लगन और श्रद्धा से करती हैं.आभाजी पूरे मानव समाज के लिए एक प्रेरणा हैं.

    ReplyDelete
  5. आभाजी का हौसला सच ही नमन के लायक है ...वो वाकई प्रेरणास्रोत हैं ....उनकी कविता बहुत अच्छी लगी ....

    ReplyDelete
  6. श्रद्धा से सिर झुकाता हूँ ऐसी नारी के समक्ष!!

    ReplyDelete
  7. अभिनन्दन है इस शक्तिरूपा जीवट की आभा का!!
    नई उम्मीदो का क्षेत्रपाल बन कर खडी है।

    ReplyDelete
  8. ऐसी नारी के हौसले को सलाम.....

    ReplyDelete
  9. शानदार हौसले वाली आभा खेत्रपाल जी को हार्दिक धन्यवाद और शुभकामनायें....ऐसे लोग आज देश और समाज में एक इंसान को जिन्दगी जीने के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं......क्योकि आज जीवन जीना वो भी ईमानदारी और इंसानियत के साथ किसी के लिए भी आसन नहीं है सरकार के उच्च संवेधानिक पदों पर ज्यादातर भ्रष्ट और कुकर्मी लोगों के बैठे होने की वजह से.....

    ReplyDelete
  10. आभा जी , बहुत से लोगों का प्रेरणास्रोत हैं। ऐसी प्रेरणादायी हस्ती को मेरा नमन ।

    ReplyDelete
  11. आभा जी का व्यक्तिक्व और जीवन लोगों के लिए एक मिसाल है. उनकी कामयाबी देखकर किसी का एक शेर याद आ गया जो बड़ा ही मौजूं है:-

    अरे पर्वत ! तू कल तक जिसकी लाचारी पे हँसता था,
    तेरी चोटी पे बैठा है वही बैसाखियाँ लेकर.

    ReplyDelete
  12. उपेन्द्र जी नमस्कार
    ये जो परिचय दिया आपने शब्दों मैं समेटने की कोशिश मात्र ही हैं पर बहुत कुछ नहीं भी समेट पाता हैं समय ...
    बहुत कुछ अनकहा भी रह ही जाता हैं और वही वह जज्बा हैं जिसे ईश्वरीय भाव कहा जाता हैं
    तब मैं उस जज्बे को केवल सलाम नहीं करता बल्कि दोनों हाथ जोड़ कर मांग लेता हूँ कुछ दुआ की तरह
    हालाँकि....
    तूफानों झंझावातों से हरदम कौन यहाँ घबराया हैं
    पर जीवन के चौराहों पर हर तरफ इन्हीं का साया हैं
    स्मृतियों को मिटा सके हमें इतना भी अधिकार नहीं
    मुस्कान जिन्होंने दी हैं हमें ये दर्द भी उन्ही का जाया हैं
    पर............जिंदगी यह भी हैं
    बधाई आपको बहुत बहुत इस पुष्प की परिमल तो सुवासित होनी ही थी

    ReplyDelete

  13. आभा जी के जज्बे को सैल्युट करता हूँ। मेरे ब्लॉग पर एक 95% विकलांग बसंत साहू जी के जीने के जज्बे को देखें।
    और समाज की ऐसी कर्मठ विभुतियों से मिलाते रहें। यही है सार्थक लेखन।
    आपका बहुत बहुत आभार व अभिनंदन करता हूँ।

    परदेशी की प्रीत-देहाती की प्रेम कथा

    ReplyDelete
  14. आभाजी की इस जीवटता और बुवन्द हौसलों को नमन.

    ReplyDelete
  15. आभा जी के हौसले को नमन !
    आभा जी से परिचय कराने के लिए धन्यवाद !

    ReplyDelete
  16. कौन कहता है कि आसमॉ में सुराख नही हो सकता
    जरा एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों।

    उनकी जीवटता को मेरा सलाम।

    ReplyDelete
  17. wakai prernadayak hai ham sabhi k liye.......koti koti naman........Shukriya upen ji

    ReplyDelete
  18. Aatmwishwas ki jiti jaagti misal...mera sat-sat naman.
    aur aapka dhanyawad jo aapne aisi shaksiyat se parichay karwaya...

    ReplyDelete
  19. abha di ki jitni bhi prashansa ki jaye kam hi hai...wo hamare jaise logo ke liye ek inspiration hain..

    upendra ji bahut achcha laga .....

    ReplyDelete
  20. Upendr sir waise to aapne jo bhi likha Abha di ke vishay mein pahle se gyat tha mujhe par fir bhi padhna acha laga aur baar baar padhna bhi bhata hai yah sab ek asha dikhti hai ki tu hi akeli nahi hai bahuton ne yah sab jhela hai aur fir bhi aage nikle hain.u 2 can cross the hurdles.

    ReplyDelete
  21. इस प्रेरक व्यक्तित्व को सलाम। आभार आभा जी के परिचय के लिये।

    ReplyDelete
  22. आभा जी ने अपने कर्म से नयी रौशनी दी है आने वाली पीड़ी को ... नमन है उनके साहस और जज्बे को ...

    ReplyDelete
  23. इतने प्रेरक व्यक्तित्व से परिचय कराने के लिए आभार..उनके साहस और संघर्ष को नमन..

    ReplyDelete
  24. आभा जी के हौसले को नमन !
    इतने प्रेरक व्यक्तित्व से परिचय कराने के लिए आभार.

    ReplyDelete
  25. बहुत सुन्दर और प्रेरक पोस्ट
    ऐसे लोग स्वयं में मिसाल बनते हैं और दूसरों को मशाल दिखाते हैं.
    आभा जी के संघर्ष, उनकी इच्छाशक्ति और जीवटता को सलाम

    आपका बहुत आभार उनसे मिलवाने के लिए

    ReplyDelete
  26. आभा जी के हौसले और हिम्मत को शत-शत नमन ॥

    ReplyDelete
  27. आभा जी को नमन। साथ ही उनके माता-पिता को भी। जिन्होने जीवटता दिखाई।

    ReplyDelete
  28. ऐसे व्यक्तित्व से परिचित करवाने के लिये शुक्रिया उपेन्द्र जी। हिम्मत हो तो हर चीज मुमकिन है, और हम लोग हैं कि सिर्फ़ रोना जानते हैं।
    फ़िर से शुक्रिया।

    ReplyDelete
  29. कुछ नयी प्रेरणा मिलती है आभा जी ने अपने नाम को सार्थक किया और अपनी आभा फैलाई है मन के हारे हार है मन के जीते जीत. प्रेरणा देती पोस्ट

    ReplyDelete
  30. ऐसी प्रेरणादायी हस्ती को मेरा नमन

    ReplyDelete
  31. ऐसी विरांगना को मेरा सर झुकाकर प्रणाम । आपका आभार इनसे रुबरु करवाने के लिए ।

    ReplyDelete
  32. निःशक्त को निःशक्त कहना उचित नहीं, यह बात आभा जी ने सिद्ध कर दिखाया है।

    सही सलामत हाथ-पैर वालों को भी आभा जी से सबक लेने की जरूरत है।

    इस तेजस्विनी नारी को मेरा नमन।

    ReplyDelete
  33. Abha ji bahut sare jeevan ki prerna hai. unke housle ko naman

    ReplyDelete
  34. आभा के व्यक्तित्व को नमन जी

    ReplyDelete
  35. very nice post.ek mahan jeevat vali mahila se parichay karane ke liye aabhar.republic day ki aapko badhai

    ReplyDelete
  36. गणतंत्र दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ...

    ReplyDelete
  37. आभा जी को सलाम

    गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर आप सभी ढेरों शुभकामनाये

    ReplyDelete
  38. गणतंत्र दिवस की बधाई एवं शुभकामनायें.

    ReplyDelete
  39. बहुत सुन्दर और प्रेरक पोस्ट
    ऐसे लोग स्वयं में मिसाल बनते हैं और दूसरों को मशाल दिखाते हैं.
    आभा जी के संघर्ष, उनकी इच्छाशक्ति और जीवटता को सलाम

    आपका बहुत आभार उनसे मिलवाने के लिए

    ReplyDelete
  40. जब उड़ने की तमन्ना हो तो आकाश ख़ुद बुलाता है ...........बहुत बहुत नमन ऐसे कोशिश को

    क्या आज के बदलते समय में परम्परा और आधुनिकता की टकराव में हमारा युवा वर्ग का जीवन पिस कर रह जायेगा ?? क्या प्रेम विवाह (अंतरजातीय विवाह )गुनाह है आज ये एक सोंचनीय विषय बन गया है युवाओं के सामने ..........इस पर कुछ विचार की आशा रखती हूँ आपसभी से .........

    ReplyDelete
  41. आपको गणतंत्र दिवस की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं
    वन्दे मातरम्

    ReplyDelete
  42. आभा जी हम सभी के लिये प्रेरणा है ।
    सच अगर हौसले हो तो नामुंकिन जैसे शब्दों की हस्ती स्वयं ही समाप्त हो जाती है

    ReplyDelete
  43. बहुत सुन्दर. बहुत ही सुन्दर!
    उपेन्द्र भाई, इस प्रेरक आलेख के लिए तहेदिल से बधाई.
    Happy Republic Day!

    ReplyDelete
  44. इस जीवटता के नाम जिन्दगी।

    ReplyDelete
  45. गणतंत्र दिवस की बधाई एवं शुभकामनायें.
    बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ....शुभकामनायें

    ReplyDelete
  46. आभा जी का हौसला....सबके लिए प्रेरणा का स्वरुप है. जिस जीवटता से उन्होंने जीवन की कठनाइयों का सामना किया है और मंजिलों पर विजय प्राप्त कर लोगो को नई राह दिखाई है...नमन योग्य है.
    उनका परिचय और उनकी कविता प्रस्तुत करना का आभार

    ReplyDelete
  47. इस जज्ब़े को सलाम....सबके लिए प्रेरणा देने वाला है...

    ReplyDelete
  48. बहुत अच्छा लगा आशा जी के बारे में जान कर ... आभार आपका

    ReplyDelete
  49. Abah ji ko kaun nhu jaanta aaj !
    mera bhi unse koi 2-3 saal purana rishta he , Orkut ke madhyam se, Kabhi kabhi batcheet ka mauka milta he ! jitna mene jana he unko,
    bas yahi kahunga "she is a Lady with Ironical Thought"

    ReplyDelete
  50. नमन !!!!

    नमन !!!!

    नमन !!!!

    ReplyDelete
  51. इस हौसले को सलाम..अच्छी पोस्ट.

    ReplyDelete
  52. sach mein agar honsla buland ho to insaan kuch bhi kar sakta hai..

    Pls Visit My Blog..

    Lyrics Mantra
    Download Free Latest Bollywood Music
    Real Ghost and Paranormal

    ReplyDelete