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Monday, March 12, 2012

आल्हा के दीवानगी

एक गो छोट सस्मरण  अपने बचपन कै शेयर कईल चाहत बानीं यहवां बचपन के दिन आजमगढ़  के सगड़ी तहसील के एक छोट से गाँव में बीतलउ बेला में कौनो शादी - बियाहे  और कर- परजा में नौटंकी, बिरहा और आल्हा का बड़ा चलन रहे खाली पता चली जाये  की कौने गांवें में आल्हा - बिरहा के प्रोग्राम बटे , बस जईले के जुगत भिंडावल जाईल जात रहे            
         उ समय में गुल मुहम्मद " बीपत " के आल्हा बड़ा जोर मचवले   रहल बगल के एक गांवें  मंझारियां में उनकर आल्हा आईल रहल। पूरा पढने के लिए कृपया इस लिंक पर क्लिक करे...

 आल्हा के दीवानगी