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Saturday, June 16, 2012

फेसबुक : जरा संभल के

"फेसबुक : जरा संभल के "

       
      सूचना और क्रांति  के क्षेत्र में आई नयी क्रांति ने देशों की सीमाओं को गौण सा कर दिया है  । पूरा विश्व अब एक विश्व - ग्राम की शक्ल में बदलता जा रहा है । सुदूर गाँव में बैठा मटरू अब मोहनलाल बन न्यूयार्क की स्वेतलाना के संग चैटिंग की हसीन वादियों में विचरण करने लगता है तो अगले ही पल मेलबोर्न की मारिया के संग कम्प्यूटर की की- बोर्ड पर अंगुलियाँ खेलने लगती है। उसकी एक क्लिक पर कभी लन्दन की मेम हाजिर हो जाती है तो अगले पल जापानी हसीन छोरी चैट  के लिए आन लाइन हो जाती है।

               जैसे - जैसे कम्प्यूटर का जाल फैलाना शुरू हुआ और इंटरनेट का विकास हुआ , फेसबुक , आर्कुट, गूगल प्लस जैसे सोशल साईट्स से लोंगों का परिचय हुआ । इसमे फेसबुक ने बहुत ही कम समय में अपार लोकप्रियता हासिल की । इसकी शुरुआत 2004 में अमेरिका के कैलिफोर्निया शहर में मार्क जुकरबर्ग ने की । कुछ ही समय में मार्क जुकरबर्ग देखते ही देखते दुनिया के ख्यातिप्राप्त व्यक्तियों में शामिल हो नये। सोशलबेकर   नमक एक वेब साईट के अनुसार दुनिया भर में करीब 75 करोड़  के आस - पास फेसबुक यूजर्स है जिसमें अमेरिका  करीब 15 करोड़ के साथ पहले, ब्राजील  4 करोड़ 80 लाख के साथ दुसरे और भारत 4 करोड़ 63 लाख के साथ तीसरे स्थान पर है।








                फेसबुक की इसी लोकप्रियता का फायदा उठाकर कुछ ठ
गों ने फर्जी प्रोफाईल बनाकर सर्वे और चैरिटी के जरिये लोंगों को ठगने का काम शुरू कर दिया है । अभी कुछ ही दिन पहले ज्यादातर लोग एक खास लिंक " हु ब्लाक्ड  यु फ्रॉम हिज प्रोफाईल " , जो ज्यादातर हर प्रोफाईल में दिख जाता था ,के शिकार हुए।  यह लिंक दावा करता था कि किस दोस्त ने आपको अपनी फ्रेंड लिस्ट से बाहर कर दिया है इसका पता आप इस लिंक के जरिये लगा सकते है। जैसे- जैसे लोग इस लिंक के जाल में फँसते गए ,उनसे कुछ निजी जानकारियाँ भी इस प्रोसेस में माँगी गयी। इसमें ज्यादा दिलचस्पी दिखाने वालों को मोबाईल नम्बर, पेन कार्ड नम्बर, क्रेडिट कार्ड/ डेबिट कार्ड और अकाउंट नम्बर तक इस प्रोसेस में देने थे । इस जानकारी के आधार पर शातिर ठग कईयों के पैसे उड़ा  लिये. आजकल ये लिंक फेसबुक से गायब हो चुका है ।

                 ये ठग आनलाइन सर्वे के जरिये भी शामिल होने वालों फेसबुक यूजर्स को लुभावने गिफ्ट, ईनाम आदि का वादा करके पैसों कि माँग करते है और कुछ दिनों बाद चुपके से अकाउंट  बंद कर चंपत हो लेते है । ये ठग लोगों कि भावनाओं के साथ खेल कर उन्हें भुनाने में भी पीछे नहीं रहते है । जापान में आये भूकंप की तबाही और विनाश कि ख़बरों ने दुनिया भर को विचलित कर दिया । दुनिया भर के तमाम लोग इन भूकंप पीड़ितों कि मदद के लिए सामने आने लगे । ठगों ने चैरिटी के लिए अलग-अलग जगह कई अकाउंट  बनाकर लोगों से चैरिटी के नाम पर दान देने की अपील की और  कुछ ही दिन बाद ये ठग सारे रूपये लेकर गायब हो गए ।

                 ये ठग भी नित नए - नए तरीके खोजते रहते है । कुछ दिनों पहले ब्रिटेन में ठगों ने प्रिंस हैरी के नाम पर एक फर्जी प्रोफाईल बनाई और फ्रेंडशिप के जरिये लाखों लोंगों को मित्र बनाया। जब लोगों को विश्वास हो गया तो उन्होंने इस कड़ी में प्रिंसेस डायना के नाम पर एक चैरिटी संगठन बनाकर इन सदस्यों से समाज सेवा के नाम पर दान देने की अपील की । इसमें कई लोग ठगी के शिकार बने जिनमे प्रिंस हैरी पर न्यौछावर होने वाली महिलायें ज्यादा थी ।
              हालंकि फेसबुक पर ठगी के शिकार ज्यादातर लोग विदेशों में ही हुये है क्योंकि भारत में  फेसबुक यूजर्स कम है और ये फेसबुक अभी-अभी परवान चढ़ना शुरू हुआ है । फिर भी सतर्क रहने की जरुरत है । हमारे देश में भी कई प्रसिद्ध व्यक्तियों के फर्जी प्रोफाईल सामने आये है । इस फर्जी प्रोफईलों के लिये लोग खींचे चले आते है । अतः किसी बड़े हीरो - हिरोईन या किसी अन्य लोकप्रिय व्यक्ति के नाम से फ्रेंड रिक्वेस्ट आये तो ज्यादा खुश होने के बजाय सतर्क होने की जरुरत है । इसके अलावा किसी भी चैरिटी और सर्वे का हिस्सा बनाए पहले से पहले दस बार सोंचना चाहिए और जहा पैसे का खेल शुरू हो या पैसे की माँग हो तुरंत वही से वापस मुड़ जाना चाहिए ।
              आये दिन हमारी प्रोफाईल में रोज नये- नये नाम धड़ल्ले से जुड़ते जा रहे है ।दोस्तों की संख्या बढ़ाने और दुसरे से आगे निकलने की होड़ में हममे से कोई भी इस बात की जहमत नहीं उठता की इसमें से कौन सही और कौन गलत है । ये ठग कभी भी आपके ही प्रोफाईल से आपके दोस्त के फोटो और जानकारी लेकर एक नयी प्रोफाईल के साथ आपमें जुड़ जायेंगे और चैटिंग के जरिये आपसे निजी जानकारी जैसे बैंक अकाउंट या क्रेडिट कार्ड नम्बर अगर प्राप्त कर सके तो  आपके अकाउंट पर आन लाइन खतरा आ सकता है । ये ठग हैकरों के मदद से आपके प्रोफाईल से ही कुछ जानकारियाँ जैसे जन्मदिन और फ़ोन नंबर लेकर आपके बैंक अकाउंट या क्रेडिट कार्ड नम्बर पता कर सकने में सक्षम है। इसलिए निजी जानकारियाँ फेसबुक पर  बिलकुल ही नहीं शेयर करनी चाहिए । 

            इन ठगों के ऊपर कार्यवाही करना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि पकड़ में आने से पहले ही ये अपने नकली अकाउंट  बंद करके फरार हो चुके होते है । अपनी समझदारी ही इनसे बचने का सरल उपाय है । फेसबुक पर आप किसी भी सर्वे या प्रतियोगिता में आप हिस्सा न ले और अगर इसके लिये  आपसे पैसे जमा करने के लिये अकाउंट और क्रेडिट कार्ड नंबर माँगा जाय तब तो बिल्कुल ही नहीं । किसी चैरिटी और सामाजिक कार्य के लिये दान देने का आन लाइन तरीका तो बिल्कुल ही न अपनायें तथा अपने मोबाईल नंबर और निजी जानकारियाँ फेसबुक पर किसी अंजान को कभी न दें । 

          आज मानों फेसबुक ने एक सामाजिक क्रांति सी ला दी है । जिसका फेसबुक अकाउंट नहीं है वह जल्द से जल्द मानों  जुड़ जाना चाहता है । नए दोस्त बनाने से पहले लोग उसका फेसबुक अकाउंट पूछना नहीं भूलते । लोगों ने अपनों तथा अपने दोस्तों का एक फ्रेंड- सर्किल बना लिया है तथा बिना किसी खर्च के अपने विचार अपने दोस्तों के बीच शेयर करने लगे है । सामाजिक रिश्ते ज्यादा खुलेपन के साथ सामने आने लगे है । जो बात लोग सामने कहने से हिचकते है अब उन्हें शेयर करने की आजादी मिल गयी है । लोग पुराने तथा बिछुड़े मित्रो को भी यहाँ  सर्च करने लगे है. जैसे पूरी दुनिया लगता है एक छोटे से लैपटाप में समा गयी है ।
   
             मगर जैसे जैसे फेसबुक लोकप्रिय होता जा रहा है इसके कई नकारात्मक सामाजिक प्रभाव भी सामने आने लगे है ।  एक हद तक तो फेसबुकिया प्यार ठीक है मगर  जब हद से ज्यादा फेसबुक प्रिय लगने लगे तो दुष्परिणाम तो सामने आने ही है । वास्तविक  मित्रता और हकीकत की दोस्ती से ज्यादा लोग आन लाइन और आभासी मित्रता को ज्यादा महत्व देने लगे है । अब लोग फेसबुक के जरिये आन लाइन दोस्त बनाने में ज्यादा व्यस्त है । फेसबुक दोस्तों की संख्या जहाँ   बढती जा रही वहीं पारिवारिक तथा वास्तविक दोस्त सिमटते जा रहे है । 
             फेसबुक दोस्तों को अपने बारे में अपडेट करने में जो लोग घंटों दिलचस्पी दिखाते है जबकि  उनके लिए अपने पारिवारिक  दोस्तों के लिए समय निकलना मुश्किल होता जा रहा है । इसके अतिरिक्त घर- परिवार के अन्य जरुरी काम भी इस चक्कर में गौण होने लगे है। फेसबुक पर जो समय लोग बर्बाद करते  है वो समय परिवार के लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकते है। फेसबुक ने कई परिवारों को विघटन के कगार पर ला दिया है । 
           इसके अतिरिक्त फेसबुकिया दोस्त भावनात्मक स्तर पर नहीं जुड़ पाते है। जब तक वो आपसे लाईक और कमेन्ट पाते रहते है तब तक तो रिस्पांस देते रहते है अन्यथा आप सिर्फ उनके लिए फ्रेंड लिस्ट की एक संख्या भर रह जाते है। यह दोस्ती वास्तविक दोस्ती के मुकाबले काफी दुर्बल होती है । यह कभी भी और किसी भी पल हमेशा के लिए टूट सकती है।  इसलिए जो लोग भावनात्मक स्तर पर इनसे गहरे जुड़ जाते है कभी- कभी उन्हें काफी मानसिक कष्ट भी होता है जो उनकी परेशानी का सबब भी बन जाता  है। अभी हाल में ही हैकरों ने अश्लील  विडिओ और फोटो बहुतों के  वाल पर पोस्ट करके सनसनी फैला दी थी. 

              स्कुल और कालेजों के विद्यार्थी अपना बहुत सारा कीमती समय फेसबुक पर बिताने लगे है जिससे वो पढाई पर कम ध्यान दे पा रहे  है।  उनमे नए दोस्त बनाने की होड़ सी लग गयी है तथा पढ़ाई की जगह बातचीत का क्षेत्र फेसबुक के इर्दगिर्द घुमने लगा है। इसके आलावा अपने पसंदीदा महिला मित्र के कहीं मुख मोड़ने या किसी अन्य के साथ रिश्ते में बंधने पर कुछ दुष्ट प्रवृति के लोग उसके नए ब्वायफ्रेंड  के प्रोफाइल पर जाकर उक्त महिला के बारे गलत जानकारी और आलतू- फालतू बातें रिश्ते तोड़ने के लिए मेसेज कर देते है। एक ताजा घटना क्रम में एक मामला प्रकाश में आया जिसमे लड़की का मित्र उसके शादी के बंधन  में बंधने से खुश नहीं था इसलिए उसने लड़की के होने वाले पति और उनके सम्बन्धियों के  प्रोफाईल पर जाकर लड़की के बारे कई झूठी और गन्दी बाते शेयर की । वह लड़का अलग अलग आईडी से बार बार मेसेज कर रहा था । वो तो भला हो जो पुलिस के बीच में आने और दोनों पक्षों की समझदारी से यह रिश्ता बचा।

           इतना ही नहीं कुछ बदमाश लड़के नकली नाम से प्रोफाईल बनाकर अपनी ही क्लास की लड़की  से दोस्ती कर बाद में तंग करने लग जाते है। इसके अतिरिक्त फेसबुक राष्ट्र - विरोधी कार्यों में लगे लोगों के लिए एक नये हथियार के रूप में सामने आया है। इसके माध्यम से ये आसानी से सन्देश तथा जरुरी बातें अपनों तक पहुंचाकर अपनी प्रोफाईल डिलीट कर देते है। प्राईवेसी   लगी होने से इनके अकाउंट की अन्य जानकारियाँ   सबको नहीं दिख पाती और ये आसानी से चुपके -चुपके अपने काम करते रहते है। 

                  अतः जहाँ फेसबुक एक तरफ सामाजिक क्रांति के रूप में देखा जा रहा है तो दूसरी तरफ इसके दुष्परिणाम  भी कम नहीं है।  जरुरत है समझदारी से काम लेने की.  फेसबुक दोस्तों के साथ भावनात्मक स्तर पर ज्यादा न जुड़े और समय की बर्बादी कम से कम करें। इसकी जगह पारिवारिक  तथा अन्य सामाजिक चीजों को ज्यादा तरजीब दें. इसके अतिरिक्त पैसे का लेन- देन बिलकुल न करें।



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Monday, June 4, 2012

शहीद दिवस - एक शहीद का ख़त




प्रिय मित्रों एवं आदरणीय जनों , यह लिंक एक कविता प्रतियोगिता का है जहां मेरी एक रचना प्रकाशित है | कृपया लिंक खोल कर देखें और पढ़ें अगर रचना पसंद आती है तो उसी पेज पर (यहाँ नहीं )  इसे लाईक करें  और कमेन्ट देने का कष्ट करे.
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( अनुरोध- कृपया अगर कविता पढने के बाद पसंद आये और इसकी गुणवत्ता किसी प्रतियोगिता  के स्तर की हो तभी लाईक करें क्योंकि यह एक विशुद्ध प्रतियोगिता है  और आप लोंगों के हर लाईक और कमेन्ट के आधार पर ३०% मार्क्स बाकी  के  निर्णायक गण के ७० % मार्क्स में जोड़े जायेंगें. )
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धन्यवाद