जिन्दगी- सात
कमबख्त
जिन्दगी होने लगी है
और भी मुश्किल से बसर
जबसे ख्यालों में
वो आजकल
आने लगे है अक्सर ।।
जिन्दगी- आठ
दोस्त क्या मिला है
किसको यहाँ
ये तो मुकद्दर
की बात है
वरना जिन्दगी यहाँ है
सिर्फ दो पलों की
एक छोटी सी मुलाकात ।।
बात जिन्दगी की
वो किये थे
खुद ही शुरू
मगर
जब हम सुनाने लगे
अपनी जिंदगी के हाल
वो रो दिए थे ।।
जिन्दगी पुरी
गुजर गयी
उस एक जख्म को
सिर्फ सहलाने में
जो दे गए थे वो
पल भर के
मन बहलाने में ।।
कमबख्त
जिन्दगी होने लगी है
और भी मुश्किल से बसर
जबसे ख्यालों में
वो आजकल
आने लगे है अक्सर ।।
जिन्दगी- आठ
दोस्त क्या मिला है
किसको यहाँ
ये तो मुकद्दर
की बात है
वरना जिन्दगी यहाँ है
सिर्फ दो पलों की
एक छोटी सी मुलाकात ।।
जिन्दगी- नौ
बात जिन्दगी की
वो किये थे
खुद ही शुरू
मगर
जब हम सुनाने लगे
अपनी जिंदगी के हाल
वो रो दिए थे ।।
जिन्दगी- दस
जिन्दगी पुरी
गुजर गयी
उस एक जख्म को
सिर्फ सहलाने में
जो दे गए थे वो
पल भर के
मन बहलाने में ।।