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Tuesday, October 23, 2012

कुछ क्षणिकायें



1.   लोकतंत्र 

लोकतंत्र ने पूछा 
इसबार किसपर 
लगाओगे  मुहर
मतदाता  मुस्कराता है
महँगी होगी जिसकी शराब
लोकतंत्र बेचारा 
फिर हो जाता है उदास ।।

2.  असमंजस

भगवान बड़े असमंजस में है
कि किसकी सुने
सौ तोले का सोने का हार
भक्त ने आज ही चढ़ाया है
कि धंधा खूब फले- फूले
भक्त के कसाईखाने में
कटने को तैयार गाय की गुहार थी       
हे भगवन मुझे बचा ले ...।।

3 .  दहेज़-हत्या 

नेताजी का तर्क था
जब सारा देश
नाच सकता है
हमारी उंगुलियों पर 
तब हमारी बहू भला 
क्यों नहीं नाची..?

4.   पीढ़ी-दर-पीढ़ी 

तुम्हारे बाप ने 
जिस जिन्दगी को 
तलाश  किया था 
दूध की कटोरियों में 
तुमने उसी जिन्दगी को पाया 
पेप्सी और कोका-कोला से 
भरी बोतलों में
आज तुम्हाता बेटा ढूंढ़ रहा है
उसी जिन्दगी को 
शराब और बीयर की बोतलों में ।।

5.  जख्म

जिन्दगी पुरी
गुजर गयी
उस एक जख्म को
सिर्फ सहलाने में
जो दे गए थे वो
पल भर के 
मन बहलाने को ।।

6. चुनाव के बाद

अब पाँच  साल तक नंगे  रह लेना
फिर आकर ये साड़ी बाँटेगे
छलकेगें दारू के जाम
तब तक प्यासे रह लेना 
नोटों की अगली बारिश तक
बस कंकड़ - पत्थर गिनते रहना । 

(सरस्वती सुमन के क्षणिका विशेषांक में ये मेरी भी कुछ क्षणिकायें



Saturday, October 13, 2012

बस कुछ यूँ ही (कुछ क्षणिकायें )

गुरुर 

एक मुद्दत के बाद
हम मिले थे
कल एक मोडपर
फिर भी
न पूछे गए
एक दूसरे के
हालचाल
कुछ हम थे व्यस्त
अपने पुराने जख्म
सहलाने में
तो लगा उनमे भी
अभी वाकी था
वही पुराना वाला
गुरुर ।

सफ़र

उनका नज़र मिलाना
और शरमाना
जारी रहा
पुरे सफ़र
फिर न कोई हमें
ठहरा दे
इसबार भी
कसूरवार
पुरे सफ़र
सालता रहा
हमें ये डर ।

नाराजगी 

न कुछ हम कहे
न कुछ वो कहे
वर्षों तक
न जाने
किस बात पर
हम रहे
एक दुसरे से
नाराज

मैयत 

मैयत पर
वो आये मेरी
मै  समझा
चलो अब तो
उनको याद आयी मेरी
कुछ देर यूँ ही टहलते रहे
फिर बड़ी अदा से
मुस्कराकर बोले वो
हम तो यू ही  किये थे
एक मजाक
तुम सच में
चल दिए।


Thursday, October 4, 2012

हिस्सा

लाख कोशिशों के बाद भी
नहीं बचा पाए थे डाक्टर 
स्वास्थ्य मंत्री जी को ,
पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट ने   
सभी को चौकाया था 
मंत्री जी को दी गयी दवा ने 
दवा ने नहीं 
बल्कि जहर का काम किया था ,
मृत्यु की वजह निकली 
नकली दवाइयां ,
स्वास्थ्य विभाग सदमे में है 
मंत्री जी का सचिव उहापोह की स्थिति में है 
की दवा कंपनी से मिला 
इस बार का कमीशन 
खुद ही रख ले या 
फिर मंत्री जी की पत्नी को 
मंत्री जी का हिस्सा 
पहुंचा दिया जाय ....