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Friday, March 15, 2013

कुछ क्षणिकायें


१. 

हथियारों के दलाल  
खा गए सब हथियार 
सुना है कि 
फौजी लड़ते है 
लाठी और गुलेल से।।

२. 

कुछ गरीब और आदिवासी 
रोजी रोटी के लिए 
फ़ौज में भर्ती हुए थे 
सुना है कि 
उनकी शहादत पर 
उनके झोपड़े को आलिशान महल 
बना देने की तयारी है।। 


३. 

ना कोई हंगामा हुआ 
ना  किसी ने पत्थर फेंके 
ना कर्फ्यू लगाने की जरुरत पड़ी 
और ना  ही किसी ने मोमबत्तियाँ जलायी 
सुना है कि 
अभी अभी कुछ फौजियों की 
अंतिम यात्रा यहाँ से गुजरी है।। 

४. 

आज भारत बंद नहीं है 
सिर्फ कुछ जवान ही तो मरे है 
सुना है कि 
धर्मनिरपेक्ष और मानवतावादी 
कुछ दिनों की छुट्टियों पर 
आराम फरमाने निकल पड़े है 
थक गए थे बेचारे
वैसे भी ये तो उन फौजियों का फर्ज था 
किसी मानवाधिकार का उलंघन नहीं।। 

१३ मार्च को श्रीनगर में शहीद हुए इन जवानों को सलाम और अश्रुपूरित विदाई 


(Photo courtesy: Indian army fans)