गुरुर
एक मुद्दत के बाद
हम मिले थे
कल एक मोडपर
फिर भी
न पूछे गए
एक दूसरे के
हालचाल
कुछ हम थे व्यस्त
अपने पुराने जख्म
सहलाने में
तो लगा उनमे भी
अभी वाकी था
वही पुराना वाला
गुरुर ।
सफ़र
उनका नज़र मिलाना
और शरमाना
जारी रहा
पुरे सफ़र
फिर न कोई हमें
ठहरा दे
इसबार भी
कसूरवार
पुरे सफ़र
सालता रहा
हमें ये डर ।
नाराजगी
न कुछ हम कहे
न कुछ वो कहे
वर्षों तक
न जाने
किस बात पर
हम रहे
एक दुसरे से
नाराज
मैयत
मैयत पर
वो आये मेरी
मै समझा
चलो अब तो
उनको याद आयी मेरी
कुछ देर यूँ ही टहलते रहे
फिर बड़ी अदा से
मुस्कराकर बोले वो
हम तो यू ही किये थे
एक मजाक
तुम सच में
चल दिए।
एक मुद्दत के बाद
हम मिले थे
कल एक मोडपर
फिर भी
न पूछे गए
एक दूसरे के
हालचाल
कुछ हम थे व्यस्त
अपने पुराने जख्म
सहलाने में
तो लगा उनमे भी
अभी वाकी था
वही पुराना वाला
गुरुर ।
सफ़र
उनका नज़र मिलाना
और शरमाना
जारी रहा
पुरे सफ़र
फिर न कोई हमें
ठहरा दे
इसबार भी
कसूरवार
पुरे सफ़र
सालता रहा
हमें ये डर ।
नाराजगी
न कुछ हम कहे
न कुछ वो कहे
वर्षों तक
न जाने
किस बात पर
हम रहे
एक दुसरे से
नाराज
मैयत
मैयत पर
वो आये मेरी
मै समझा
चलो अब तो
उनको याद आयी मेरी
कुछ देर यूँ ही टहलते रहे
फिर बड़ी अदा से
मुस्कराकर बोले वो
हम तो यू ही किये थे
एक मजाक
तुम सच में
चल दिए।
वाह बहुत खूब
ReplyDelete:):) बढ़िया क्षणिकाएं
ReplyDeleteबेहतरीन सम्प्रेषणीय क्षणिकायें ।
ReplyDeleteउपेन बाबू.. बहुत ही अनोखे अन्दाज़ में कही गयी बातें हैं ये.. सुनी सुनाई होते हुए भी नयी-नवेली सी लगती है...
ReplyDeleteवाह!
ReplyDeleteन कुछ हम कहे
ReplyDeleteन कुछ वो कहे
वर्षों तक
न जाने
किस बात पर
हम रहे
एक दुसरे से
नाराज.
सभी क्षणिकाएँ बेहतरीन हैं. उम्दा प्रस्तुति.
क्षणिकाएं बड़ी सुन्दर हैं.
ReplyDeleteउनका मजाक हुआ और यहाँ जान से गये,
ReplyDeleteजहे नसीब, मजाक किसी काम तो आया।
जिंदगी के आस-पास बिखरी अनुभूतियों को समेटती हुई बेहतरीन क्षणिकाएं।
ReplyDeleteबहुत ही सादा लहजे मे कही गयी क्षणिकाएं.. फिर भी बहुत सुन्दर .
ReplyDeleteशुभकामनाये
मंजुला
वाह किसी कि जान गई उनकी अदा ठहरी ..
ReplyDeleteबढ़िया क्षणिकाएं.
सभी रचनाये शानदार
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