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जाग उठे हैं लोग देश में, आंधी चलने वाली है
भूख और भ्रष्टाचार में डूबी, रात गुजरने वाली है
चार जून को राम देव जी, दिल्ली को ललकारेंगे -२
हम भी बाबा साथ तुम्हारे , लाखों लोग पुकारेंगे...
लाखों लोग करेंगे अनशन, ऐसी क्या मज़बूरी है -२
जो नहीं जानते गौर करे , ये मुद्दे बहुत जरुरी है
दुनिया के बाकि देशों में, नहीं चलते नोट हजारी है -२
क्यों भारत में हैं बड़े नोट , भारत की क्या लाचारी है
बड़े नोट ही नकली छपते , छोटे नोटों में घाटा है -२
नकली नोट का देश में आना , अपने मुहं पर चांटा है
भ्रस्टाचारी के घर दफ्तर , रेड जहाँ भी मारी है -२
रजाई , गद्दे , तकियों तक से , निकले नोट हजारी है...
बड़े नोट गर बंद किये तो , आतंकी खुद मर जायंगे -२
नकली नोट नहीं होंगे, तो बन्दूक कहाँ से लायेंगे
बड़े नोट बंद करवाना , नहीं मुद्दा कोई निराला है -२
हुआ तीन बार भी पहले , ये फिर से होने वाला है
बड़े नोटों को बंद करो , ये पहली मांग हमारी है -२
पड़ा जो इसकी खातिर मरना , इसकी भी तयारी है
फिर ना समझना बेवकूफ है -२ , जनता भोली भाली है -२
जाग उठे हैं लोग देश में, आंधी चलने वाली है
भूख और भ्रष्टाचार में डूबी, रात गुजरने वाली है
आजादी के बाद देश को, नेता इतना लूट गए -२
खादी से विश्वाश के अपने , धागे सारे टूट गए
भ्रष्टाचारी नेता अधिकारी , भारत को खाते जाते हैं
लूट लूट के देश का पैसा , स्विस बैंक पहुंचाते हैं
स्लम डोग हम कहलाते , गिनती होती कंगलो में -२
क्योंकि, 400 लाख करोड़ खा गए नेता , पिछले पैंसठ सालो में
(यह कविता भारत स्वमिमान के फेसबुक से साभार ली गयी है )
हम तो साथ हैं बाबा के...
ReplyDeleteसटीक पंक्तिया ..... हालात सच में चिंताजनक हैं....
ReplyDeleteपहले शब्द से आखिरी शब्द तक बस ये ही कहूगी कि ............वाह.............वाह.....
ReplyDeleteहम तो ऐसी आभासी क्रांति के स्पर्श-सुख से बचे रहना चाहेंगे.
ReplyDeleteक्या बात है। शानदार। मुद्दे की सही विवेचना की है आपने।
ReplyDeleteदेश विशेष बने, शेष न रह जाये।
ReplyDeleteअति सुंदर जी
ReplyDeleteआपका प्रयास सराहनीय हैं उपेन जी
ReplyDeleteऔर प्रेरक एवं अच्छी रचना के लिए बधाई
उम्दा कविता.
ReplyDeletehar har mahadev... ham bhi bhrashtachaar ke khilaaf hai... bahut samayik rachna... Sadar
ReplyDeleteaapka mere blog Amritras me swagat hai...
उपेन जी,
ReplyDeleteहमारी शुभकामनायें हर उस मिशन के साथ हैं जो देश को सर्वोपरि रखते हैं।
इटली की रानी अब कब तक खैर मनाएगी
ReplyDeleteरामदेव की आंधी अब क्या रोके से रुक पायेगी???
भारत माता की जय
सटीक पंक्तिया ...हालत खराब है पर जरुर सुधरेंगे
ReplyDeletesateek kavita
ReplyDeleteham sab ek hain baba ke sath hain!
is vyavastha ko ab badalna hi hoga
agar aaj nhi to kal bhi kuch nhi hoga
ab bahut so chuke, isliye ab jaagna hoga!
Jai Hind, Jai bharat,
बहुत सुंदर , सार्थक रचना , बधाई....
ReplyDeleteअति सुन्दर....!
ReplyDeletesahi mudda/sarthak rachna.
ReplyDeleteJOSH BHARTI HUI RACHNA , BADHAI
ReplyDeleteप्रयास सराहनीय हैं उपेन जी
ReplyDelete... अच्छी रचना के लिए बधाई
कुछ व्यक्तिगत कारणों से पिछले 15 दिनों से ब्लॉग से दूर था
ReplyDeleteइसी कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका !