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Sunday, December 26, 2010

फर्स्ट टेक ऑफ ओवर सुनामी : एक सच्चे हीरो की कहानी

Wg Cdr BSK Kumar
             ये प्रस्तुति मेरी बड़ी कहानी " फर्स्ट टेक ऑफ ओवर सुनामी " का  एक छोटा हिस्सा है. भारतीय वायु सेना के इस जांबाज हेलीकाप्टर पायलट विंग कमांडर बी. एस. के. कुमार को सुनामी  के दौरान शीघ्र कार्यवाही, जांबाज दिलेरी , हैरत अंगेज कारनामों और देश- सेवा के फर्ज को अपने परिवार से भी ऊपर समझाने के लिए , शांतिकाल में वीरता के लिए दिए जाने वाले दूसरे सर्वोच्च वीरता पुरस्कार " कीर्ति चक्र" से नवाजा गया.
          अंडमान और कार निकोबार के निवासी 25 दिसम्बर 2004 की देर रात जब क्रिसमस की पार्टी के बाद जब अपने अपने घरों में नींद  के आगोश में समायें होंगे तो उन्हें जरा भी इस बात का अंदेशा नहीं रहा होगा की अगली सुबह उनकी नींद किसी प्यारे  एहसास के साथ नहीं बल्कि सुनामी की भीषण गर्जना के साथ टूटेगी. 26 दिसम्बर 2004 की सुबह जब सुनामी ने दस्तक दी तो लोंगों की अलसाई नजरे खौफनाख  मंजर देख कांप उठी . हजारों लोग पल भर में बेघर हो चुके थे और जीवन की आखिरी लड़ाई लड़ते हुए आसमान की तरफ किसी फ़रिश्ते के इंतजार में देख रहे थे.
             विंग कमांडर बी. एस. के. कुमार कार निकोबार स्थित एयर बेस  में MI-8 हेलीकाप्टर फलाईट  के कमांडिंग ऑफिसर थे. पहले तो वे अपनी पत्नी की आवाज को अनसुनी करते हुए ध्यान नहीं दिया . लेकिन तुरंत ही उन्हें किसी बड़े खतरे का आभास  हो गया  .  किसी तरह वे अपने पत्नी और दो बच्चों के साथ घर से बाहर आने में सफल हुए तो बाहर का मंजर देख उनका दिल दहल गया. सुनामी का कहर लोंगों पर टूट रहा था और देखते देखते लोग मौत के मुंह  में समा रहे थे. चारों तरफ से मदद के लिए आवाज आ रही थे.
Tsunami disaster at Air Base Car Nicobar
          उन्होंने ने बिना तनिक भी देर किये हैंगर की तरफ  दौड़  लगाई. कुछ ही मिनटों में एक MI-8 हेलीकाप्टर हवा में टेक ऑफ कर चुका था. उन्होंने चेन्नई स्थित ताम्ब्रम एयर बेस  को इस बात की सूचना दी. यह अंडमान और कार निकोबार द्वीप पर मची तबाही की पहली खबर थी. बड़े- बड़े पेड़ उखड़कर पानी में तैर  रहे थे . लोग उसे पकड़े मदद की गुहार कर रहे थे. कुमार ने अपने साथी सैनिकों के साथ बचाव कार्य को अंजाम देना शुरू किया . जी-टी वी से एक कार्यक्रम में बकौल उनकी पत्नी बिंदु लक्ष्मी, " हवा में हेलीकाप्टर देख हमें  अंदाजा हो गया था की ये जरूर बी .एस.के. ही होगे और हम  सबने राहत की साँस ली.
          करीब 5 घंटे के अथक मेहनत के बाद लगभग 350 लोंगों को ऊंचाई पर स्थित स्थन पर पहुँचाया गया. इस आपरेसन के दौरान काफी मुश्किलात का भी सामना करना पड़ा, क्योंकि हेलीकाप्टर के विन्च के सहारे भी 2 या 3 लोंगों को लाना पड़ रहा था. कुमार को उम्मीद थी की विन्च यह भार उठा  लेगा , क्योंकि इसकी अधिकतम भार सीमा लगभग 150 कि. ग्रा .रहती है. परन्तु फिर भी ये एक भारी रिस्क था और हेलीकाप्टर समेत बचाव दल के सदस्यों के साथ कुमार की जान को भी खतरा था मगर इसकी परवाह ना करते हुए उन्होंने अपने कार्य को जारी रखा. पहले हेल्काप्टर का ईधन समाप्त होने के बाद उन्होंने दूसरा हेलीकाप्टर चेंज    किया. कई बार फायर  टेंडर के छत  पर सींढी लगाकर  उसपर लोंगों को उतारा गया और फिर उन्हें सही जगह पर पहुचाया गया.
         हेलीकाप्टर चेंज - ओवर के दौरान ही उन्हें हाथ के इशारे से थम्प्स अप  करके उनके परिवार के सलामत और सही होने कि जानकारी दी गयी. जब वो इस आपरेशन को अंजाम देते समय लोंगों को चिल्लाते और मदद के लिए पुकारते देख रहे होंगे तो  वे अपने परिवार के सलामती के  बारे में सिर्फ सोंच सकते रहे होंगे ना कि यकीं, क्योंकि काफी देर तक उन्हें ये भी नहीं पता था कि उनका परिवार किस हाल में है. बकौल कुमार , " ऐसे हादसे में पहली प्राथमिकता अपना परिवार न होकर ज्यादा मुसीबत - जदा दुसरे  लोंग होने चाहिए"
Dharmsila with 4 years old son, w/o Late Cpl  RN Singh,  survived by  this operation but her husband was not so lucky

.            कुमार कि इस जांबाजी  और दिलेरी से प्रेरणा लेकर जिंदा बचे वायुसैनिकों ने नए जोश के साथ इस बचाव कार्य में सहयोग  दिया. रन - वे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त  हो गया था.  पुरे दिन बचाव कार्य चलता रहा. परन्तु अँधेरे में मुश्किलें आने लगी थी. रन वे के किनारे के लाईट  इंडिकेटर टूट चुके थे. मगर इस काम को भी कुमार और उनके साथियों ने रन -वे के किनारे केरोसीन के लेम्प जलाकर  इंडिकेटर के रूप में इस्तेमाल किया . कुमार कि ये उड़ान इस मायने में  भी महत्वपूर्ण थी कि वे यह उड़ान फ्लाईंग यूनिफार्म    में  नहीं बल्कि बनियान और लोअर में नंगे पाँव उडी थी और बचाव कार्य को नंगे पाँव ही अंजाम दिया था, क्यंकि सब कुछ पानी में बह गया था. यह ये साबित करता है भारतीय सेनायें विकट परिस्थिति में भी किस तरह से अपने फर्ज को निभा सकती है.
                          केरल में बैठे कुमार के माता पिता अपने बेटे के सलामती के लिए परेशान थे क्योंकि मोबाईल  संपर्क टूट चुका था और  मीडिया के हवाले से सुनामी के भीषण विनाश की ख़बरों से उनका  भी मनोबल टूट गया था. कार निकोबार का संपर्क पुरे देश के एयर  बेस से टूट गया था. मगर जब संपर्क स्थपित हुआ और दक्क्षिण   कमान मुख्यालय त्रिवेंद्रम से उन्हें अपने बेटे कि सलामती और उसके जांबाज कारनामों कि खबर मिली तो  उनका सीना फक्र से चौड़ा जरूर हो गया होगा. 15 जुलाई 1963 को केरल के क्वीलोन जिले में जन्में बी. एस. के. कुमार ( भगवान श्री कृष्ण कुमार ) का पूरा नाम जब उनके माता पिता ने रखा होगा तो उन्हें जरा भी  इस बात का ये अंदेशा नहीं रहा होगा कि ये सचमुच  सैकड़ों जिंदगियों के लिए एक दिन भगवान  का ही रूप  लेकर आयेगें. कीर्ति चक्र से नवाजे गए बी.एस.के कुमार आज वायु सेना में ग्रुप कैप्टन है. यह प्रस्तुति श्री  कुमार जी को नमन और सुनामी के कारण जान गवा बैठे हजारों लोंगों को एक विनम्र  श्रद्धांजलि  है.

Tsunami Memorial at Kanyakumari

46 comments:

  1. दर्दनाक हादसा.
    मेरी ओर से भी सुनामी हादसे में जान गवां चुके लोगों को विनम्र श्रद्धांजलि

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  2. ऐसे होनहारों की वजह से ही तो हम सुरक्षित हैं ....नमन है इनके जज्बे को ..शुक्रिया

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  3. श्री कुमार के इस जांबाज दिलेरी से परिपूर्ण उन हौसलों को जिसने सैकडों लोगों के विपत्ति में प्राण बचाए मेरी ओर से सेल्यूट...

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  4. क्या कहूँ उपेन जी! इन जाँबाज़ों के कारण हम सुरक्षित हैं.. मेरी ओर से एड़ी जोड़कर, हाथों को सावधान की मुद्रा में लाकर सिर झुकाकर सैल्युट!!

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  5. सुनामी एक बहुत ही दुखद घटना थी .
    बी एस कुमार जी सहित सभी जांबाजों को नमन .

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  6. उपेन जी , आपका बहुत बहुत साधुवाद इस बेहतरीन पोस्ट के लिये!

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  7. उपेन्द्र जी ऐसे महान सपुतों की वजह से ही तो हमारा देश जिंदा है वरना कुछ लोगों ने इसे डुबोने में कोई कोर कसर नही छोड़ी है। हम सभी भारतीयों का सीना गर्व से फुल जाता है इनकी जाबांजी को देखकर और सुकुुन मिलता है कि हमारा देश और हमारी जिन्दगी इन जैसे वीरों के हाथों में सुरक्षित है।

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  8. हैट्स-ऑफ़ टू विंग-कमांडर श्री बी.एस.के.कुमार।

    सुनामी-पीडि़तों के लिए संवेदना,
    एवम आपको आभार ऐसी पोस्ट हम सबके साथ शेयर करने के लिये

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  9. ग्रुप कैप्टन कुमार जी की दिलेरी औत हिम्मत को सलाम !

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  10. नतमस्तक हूँ , देश के सच्चे सपूतों के आगे।
    विनम्र श्रद्धांजलि।

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  11. kisi bhi desh ko dubaara aisi widambna na dekhni pade...is christmas ko ishwar se yahi kamna karti hu....aameen.

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  12. अदभुत ! जांबाजी को सलाम !

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  13. ऐसे जाबाजो को शत शत नमन

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  14. अपने नाम के अनुसार ही वे कृष्ण की भूमिका में तारनहार बन गए -इस दिलेरी के लिए वायु सेना के इस जाबाज को सलाम

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  15. वीर देशभक्त को शत शत नमन!! जो स्वयं की जान की पर्वाह किये बिना लोगों के प्राण बचाने में स्वय को होम देते है।

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  16. इस बहादुर देश भगत को मेरा सेलूट जी, धन्य हे वो मां बाप जिन्होने इसे जन्म दिया.

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  17. आदरणीय श्री उपेन्द्र 'उपेनजी
    वीरो को शत शत नमन और आपको बेहतरीन पोस्ट के लिय सलाम!

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  18. ग्रूप कैप्टन कुमार जैसे जाँ-बाज़ों को सत शत नमन । आपने इस सत्य घटना को हम तक पहुँचाया आप का बहुत बहुत आभार ।

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  19. श्री कुमार जी को नमन!

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  20. देश के सच्चे सपूतों को
    विनम्र श्रद्धांजलि।

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  21. सच मच बहुत ही भावुक और गर्व से भर देने वाला प्रसंग है .......सेना के इस जाबाज जवान को मेरा प्रणाम

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  22. ऐसे वीरों की कहानी को आगे लाने के लिए आप बधाई के पात्र हैं...

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  23. भारतीय सैनिकों के अच्छे कार्यों को सामने लाने के लिए आपका बहुत धन्यवाद| वास्तव में हमारे ये वीर सिपाही हि हैं जिनके शौर्य के सहारे हम अपनी नींद अच्छी काटते हैं,| वरना ये नेता तो कब के देश को बेच चुके होते|

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  24. Group cap.Adarahiya Kumar Ji kee bahadiri aur jambaji ko shat shat naman............

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  25. real hero...a big salute to him...

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  26. रोमांच हो आया...आँखें भर आयीं...

    सैल्यूट इस महान व्यक्तित्व को...

    आपका कोटि कोटि आभार इस सुन्दर प्रेरणादायी पोस्ट के लिए...

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  27. This comment has been removed by a blog administrator.

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  28. sachmuch ek super hero ki hi kahani hai. ek nai lakhon aise super heroes hain hamare desh mein

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  29. भगवान श्री कृष्ण कुमार जी ने अपने नाम को सार्थक करते हुए अनेक लोगों को नई ज़िंदगी दी है।
    ऐसे जांबाज योद्धा को सादर नमन।

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  30. @ दीपक बाबा जी का कमेन्ट डिलीट हो गया था ...उन्होंने कहा था
    ओफ्फ्फ देर से आया.....
    बी.एस.के. कुमार के व्यक्तित्व पर प्रथम बार आपके ब्लॉग पर पढ़ा...... बहुत बढिया काम किया .प्रणाम.....

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  31. जांबाजी, दिलेरी, ज़ज्बा , इंसानियत.सबका मिला जुला नाम है केप्टन विजय और इन जैसे भारत माता के सपूतों की वजह से ही हम चैन की नींद सोते हैं
    सल्यूट टू हिम.

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  32. NAYA SAAL 2011 CARD 4 U
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    please open it

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    “LOVE”
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    “beautifl”
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    Yad Rakhna mai ne sub se Pehle ap ko Naya Saal Card k sath Wish ki ha….
    मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है !

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  33. वीरता को शत शत नमन।

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  34. नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं..

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  35. ऐसे जवान ही सेना की लाज हैं। उस कहर को याद कर आज भी दिल बैठ जाता है।

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  36. हमें इन जैसे लोगों पे नाज़ है!
    .

    आपको एवं आपके समस्त परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामाएं!!

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  37. नतमस्तक हूँ ऐसे वीर सिपाहियों पर ...

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