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Saturday, July 16, 2016

जिंदगी


आज खुला छोड़ दिया है
हमने दरवाजे
अपनी जिंदगी के
जो रुकना चाहता है रुके
स्वागत है
वरना बेहतर है
चले जाना दूर
रोज रोज की किच किच से
ताकि कल से कोई
शिकायत न रहे
थक गया हू जिंदगी
अब तू भी ले फुरसत
और मुझे भी जीने दे
फुरसत के कुछ पल।

1 comment:

  1. लोगों के साथ रह कर भी फ़ुरसत के पल मिल जाते हैं तो
    जो दिल
    में हैं वो क्यों जाएँ ...

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