सृजन _शिखर : मेरे ख्यालों का खुला आसमां
रोटी
रोटी सिर्फ रोटी नहीं
तपन सपनो की
मिठास प्यार की
कारीगरी हाथो की
उम्मीद ख्वाबो की
और स्वाद तानो का
सच कितना कुछ है
माँ तुम्हारी इस रोटी में।
बढ़िया प्रस्तुति
बढ़िया प्रस्तुति
ReplyDelete