एक
एक साकी ही तो था मेरा अपना कहलाने वाला
अब वह भी शराब मे पानी मिलाने लगा है
गम जो हम भुला लेते थे कभी पीकर शराब
अब वो फिर से मुझे सताने लगा है । ।
दो
जिंदगी हुई कुछ इस तरह से बसर साकी
हम पीते गए तुम पिलाते गए
खूब छककर पिया खूब जमकर पिया
मगर गए तो फिर भी प्यासे गए। ।
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Beautiful couplets !
ReplyDeleteवाह उपेन्द्र जी, सुंदर लिखा है आपने.
ReplyDeleteगए तो प्यासे गए.....
बढिया.
उपेंदर जी, साकी जानबूझकर मिलावट करता है..उससे आपका दुःख नहीं देखा जाता, जीवन का अमृत पानी के जईसा मिला देता है… अऊर प्यास तो वैसे भी अभी खतम नहीं होता है..जेतना पीते जाइए, प्यास ओतने बढता जाता है!! बहुत अच्छा लगा पढकर!!
ReplyDeletei must say commendable work..how do you manage it in hindi..i would want some tips regarding how to do it....www.singhshradha.wordpress.com
ReplyDeleteachi rachnaye
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है!
ReplyDeleteया देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
नवरात्र के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
मरद उपजाए धान ! तो औरत बड़ी लच्छनमान !!, राजभाषा हिन्दी पर कहानी ऐसे बनी
@ Shradha ji
ReplyDeleteThanks to appreciate me by coming on my blog. Actually i am not fully aware with wordpress, but in blogspot you just type hindi in english and automatically it will convert in Devanagari lipi. On net typing in hindi, you can download Cafe Hindi Unicode Typing Tool through net and install it. or just load hindi pitara toolbar in your browser through http://hindiblog.ourtoolbar.com
@ सलिल साहब..बिल्कुल सही फरमाया आपने
ReplyDelete@ राजभाषा हिंदी
@ शताक्क्षी जी
@ दीपक जी
@ अनु जी
आप लोंगों का हार्दिक आभार हौसला आफजाई के लिये.
thanks a lot Upen ji..actually its something similar that i do..i use google transliteration (http://www.google.com/transliterate/) to do the same and then I copy paste the post to my wordpress.I was surprised to see the full blog in hindi..Good one..You have got a follower in me.Keep up the good work...
ReplyDeleteउपेन्द्र जी , क्या खूब पंक्तियां लिखी हैं आपने ..बहुत ही सुंदर
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी और संजीदा पंक्तियाँ लिखी हैं ..... उपेन्द्र जी
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteवाह साकी...खूब लिखा आपने..बधाई.
ReplyDelete____________________
'शब्द-सृजन..." पर लोकनायक जे.पी. जी की जन्म-तिथि पर आलेख.
क्या बात है !
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत !
बहुत उम्दा भावों को पिरोया है आपने!
ReplyDeletebahut khub ....
ReplyDeleteबहुत खूब ..सुन्दर
ReplyDeleteचंद शब्दों में गहरी बात कहना कोई आपसे सीखे...बहुत अच्छी रचना...
ReplyDeletebahoot khoob...........
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