जो लौट के घर ना आयें...... |
दुश्मनों को इस सरजमीं से खदेड़ हमने अपना वादा निभाया
लो सम्हालो ये देश प्यारों अब अलविदा कहने का वक्त आया .।।
आजाद है अब ये सरहद हमारी हौसले दुश्मनों के पस्त हुए
मुश्किल परिस्थितियों में भी हमने उन्हें यहाँ से मार भगाया ।।
नापाक इरादे लेकर आये थे वे पलभर में हमने खाक कर दिया
हर चोटी पर फिर से हमने अपना झंडा ये तिरंगा फहराया ।।
इसे सम्हाल कर रखना हरदम क़ुर्बानी फिर बेकार न जाये
दुश्मन के नापाक परछाईयों की फिर न पड़े कभी छायां।।
बस भूल न जाना उन्हें जो लौट के घर ना आये
जिसने लगा दी जान की बाजी और सब कुछ अपना गवाया ।।
झंडा ऊंचा रहे हमारा....
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना...
बस इतना याद रहे ... एक साथी और भी था ...
ReplyDeleteकारगिल युद्ध के सभी वीरो को मेरा शत शत नमन !
जय हिंद !!
जय हिंद....जय हिंद की सेना..
ReplyDeleteकुर्बानियां व्यर्थ ही तो जा रही हैं...
ReplyDeleteलेकिन मैं उन सभी वीर भाइयों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करता हूं जिनके कारण आज मैं सुरक्षित हूं... नमन..
ReplyDeleteबहुत प्रेरणादायी व् देशभक्ति की भावनाओं से ओत -प्रोत कविता आपने इस अवसर पर प्रस्तुत की है..
ReplyDeleteवीरो को मेरा शत शत नमन !
ReplyDeleteशब्द-शब्द संवेदनाओं से भरी मार्मिक रचना ....
परनाम शहीदा नू.
ReplyDeleteभावुक कविता...
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
ReplyDeleteदेखना है जोर कितना बाजु ए कातिल में है।
वीर रस से भरी रचना। आभार।
नमन है उन सभी वीरों को जो देश की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं ... बहुत भावपूर्ण रचना
ReplyDeleteदेश हमारा अमर रहेगा।
ReplyDeleteकारगिल के वीरों को नमन है ...
ReplyDeleteउन सभी वीरों को शत शत नमन...बेहद भावपूर्ण प्रस्तुति. आभार.
ReplyDeleteसादर,
डोरोथी.
देशभक्ति का मर्म समझाती सुन्दर सार्थक प्रस्तुति के लिए आभार!
ReplyDeleteदेश की सरहदों पर अपना सबकुछ छोड़-छाड़कर हरदम तत्पर रहकर हिफाजत करने वाले वीर सैनिकों को हमारा नमन!
नमन ...शत शत नमन .....
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना
ReplyDeleteदेश के शहीदों को नमन.
ReplyDeleteजय!! हिन्द के जवान....जय हिन्द निवासी..जय..जय....
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