1. लोकतंत्र
लोकतंत्र ने पूछा
इसबार किसपर
लगाओगे मुहर
मतदाता मुस्कराता है
महँगी होगी जिसकी शराब
लोकतंत्र बेचारा
फिर हो जाता है उदास ।।
2. असमंजस
भगवान बड़े असमंजस में है
कि किसकी सुने
सौ तोले का सोने का हार
भक्त ने आज ही चढ़ाया है
कि धंधा खूब फले- फूले
भक्त के कसाईखाने में
कटने को तैयार गाय की गुहार थी
हे भगवन मुझे बचा ले ...।।
3 . दहेज़-हत्या
नेताजी का तर्क था
जब सारा देश
नाच सकता है
हमारी उंगुलियों पर
तब हमारी बहू भला
क्यों नहीं नाची..?
4. पीढ़ी-दर-पीढ़ी
तुम्हारे बाप ने
जिस जिन्दगी को
तलाश किया था
दूध की कटोरियों में
तुमने उसी जिन्दगी को पाया
पेप्सी और कोका-कोला से
भरी बोतलों में
आज तुम्हाता बेटा ढूंढ़ रहा है
उसी जिन्दगी को
शराब और बीयर की बोतलों में ।।
5. जख्म
जिन्दगी पुरी
गुजर गयी
उस एक जख्म को
सिर्फ सहलाने में
जो दे गए थे वो
पल भर के
मन बहलाने को ।।
6. चुनाव के बाद
अब पाँच साल तक नंगे रह लेना
फिर आकर ये साड़ी बाँटेगे
छलकेगें दारू के जाम
तब तक प्यासे रह लेना
नोटों की अगली बारिश तक
बस कंकड़ - पत्थर गिनते रहना ।
(सरस्वती सुमन के क्षणिका विशेषांक में ये मेरी भी कुछ क्षणिकायें)
फिर आकर ये साड़ी बाँटेगे
छलकेगें दारू के जाम
तब तक प्यासे रह लेना
नोटों की अगली बारिश तक
बस कंकड़ - पत्थर गिनते रहना ।
(सरस्वती सुमन के क्षणिका विशेषांक में ये मेरी भी कुछ क्षणिकायें)

बहुत अच्छी भावाभिव्यक्ति है. सुन्दर.
ReplyDeleteन जाने हमारे सामाजिक सत्य क्या होंगे ।
ReplyDeleteएक से बढकर एक.... अर्थपूर्ण क्षणिकाएं
ReplyDeleteबेहतरीन और बहुत कुछ लिख दिया आपने..... सार्थक अभिवयक्ति......
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन अर्थपूर्ण क्षणिकाएं
ReplyDeleteबेहतरीन...
:-)
क्या कहें उपेन बाबू!! एक एक क्षणिका पर दिल में कसक उठाती है.. कमाल की सोच है आपकी.. ईर्ष्या होती है आपसे. हम हल्का-फुल्का ही सोचते रह जाते हैं और आप दिल पर चोट कर जाते हैं!! कमाल!!
ReplyDeletesir, itne bade pyar ke liye aapka aabhar.
Deleteएक से बढ़कर एक हैं सभी।
ReplyDeleteये राजनीतिक क्षणिकाएं आज की स्थिति का सच्चा बयान है । बहुत सुंदर ।
ReplyDeleteआओ फिर दिल बहलाएँ ... आज फिर रावण जलाएं - ब्लॉग बुलेटिन पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से आप सब को दशहरा और विजयादशमी की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें ! आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteji , dhanyabad.
Deleteसारी क्षणिकाएं सीधे दिल पर असर करती हैं।
ReplyDeleteबहुत गहरी बातें कहती क्षणिकाये....
ReplyDeleteसरस्वती सुमन में प्रकाशन पर बधाई...
बहुत अच्छी भावाभिव्यक्ति
ReplyDeletekammal ka likhe hain......
ReplyDelete
ReplyDeleteअच्छी हैं सभी क्षणिकाएं …
हीर जी के संपादन में छपना गर्व की बात है !
बधाई !