सर्दी खांसी और जुखाम
आजकल है ये मेरे मेहमान
तीन दिनों से पैर टिकाये
नहीं ले रहे जाने का नाम ।।
तीनों आये है पूरी तयारी संग
कोई दिखता नहीं किसी से कम
दिन रात है इनका पहरा ऐसा
बंद हुई खुशिओं की दुकान।।
शैतानी इनकी हरदम रहती जारी
नहीं मानते ये किसी की बात
जब डाक्टर आकर इनको धमकाता
ये बन जाते बिलकुल अन्जान।।
जब ये फरमाते है थोडा आराम
हमें भी मिलती है थोड़ी राहत
वरना इनकी जी-हुजूरी में
फंसी हुई है अपनी जान।।
बार- बार पूछता हूँ इनसे
अतिथि तुम कब जाओगे
ये मुस्कराकर देते है जबाब
बहुत दिन बाद मिले हो जजमान
सर्दी खांसी और जुखाम
आजकल है ये मेरे मेहमान ।।
आजकल है ये मेरे मेहमान
तीन दिनों से पैर टिकाये
नहीं ले रहे जाने का नाम ।।
तीनों आये है पूरी तयारी संग
कोई दिखता नहीं किसी से कम
दिन रात है इनका पहरा ऐसा
बंद हुई खुशिओं की दुकान।।
शैतानी इनकी हरदम रहती जारी
नहीं मानते ये किसी की बात
जब डाक्टर आकर इनको धमकाता
ये बन जाते बिलकुल अन्जान।।
जब ये फरमाते है थोडा आराम
हमें भी मिलती है थोड़ी राहत
वरना इनकी जी-हुजूरी में
फंसी हुई है अपनी जान।।
बार- बार पूछता हूँ इनसे
अतिथि तुम कब जाओगे
ये मुस्कराकर देते है जबाब
बहुत दिन बाद मिले हो जजमान
सर्दी खांसी और जुखाम
आजकल है ये मेरे मेहमान ।।
aap sheeghr swasth ho jayeaisi prabhu se kamna hai .
ReplyDeleteji, aapka abhar
Deleteमेहमानों का ख्याल रखिए ... साथ साथ अपना भी !
ReplyDeleteविश्व एड्स दिवस पर रखें याद जानकारी ही बचाव - ब्लॉग बुलेटिन आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
shivam ji dhanyabad.
Deletewish you good luck . बहुत सुन्दर भावात्मक प्रस्तुति मेरी ब्लॉग पोस्ट-[कानूनी ज्ञान]- मीडिया को सुधरना होगा[कौशल] -आत्महत्या -परिजनों की हत्या
ReplyDeleteबहुत समस्या, कब जायें ये..
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ReplyDeleteकल 02/12/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
बहुत बढ़ियाँ कविता
ReplyDelete:-)
आती सर्दी और जाती सर्दी दोनों ज्यादा परेशान करती हैं। ध्यान रखें अपना।
ReplyDeleteबार- बार पूछता हूँ इनसे
ReplyDeleteअतिथि तुम कब जाओगे
ये मुस्कराकर देते है जबाब
बहुत दिन बाद मिले हो जजमान
उम्दा.
सर्दी के साथ ये तीनों बिन बुलाये ही चले आते हैं ...
ReplyDeleteऐसे अतिथि जो जाने का नाम नहीं लेते ... बहुत खूब लिखा है ...
अब तो ये मेहमान चले गए होंगे।
ReplyDeleteकुछ लेते क्यों नहीं:)) बहुत खूब!
ReplyDeleteऐसे महमानों के लिए अपना दरवाजा बंद रखना ही ठीक है!
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर। मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा। धन्यवाद।
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