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Sunday, November 7, 2010

तेरा रूप निखर आया है

( चित्र गूगल साभार )
हर शय बेचैन है हर जगह तेरा साया है
चाँद से भी ज्यादा तेरा रूप निखर आया है.

ठहर गए मुसाफिर सिर्फ एक झलक पाने को
हर लबों पर बस तेरा ही नाम छाया है.

चंचल हो उठी हवा मदहोश हो उठे भौरें
हर दिल मे तेरा अक्स उतर आया है.

बहुत गुमान रहता था आईने को खुदपर
देखकर तेरा हुस्न आईना भी शरमाया है.

दूर दूर तक फैली हुई है तेरे हुस्न की चर्चा
"उपेन्द्र" हर जर्रे जर्रे पर तेरा नाम उभर आया है .

21 comments:

  1. बहुत खूब ... प्रेम में अक्सर ऐसा होता है ... हर सू महबूब दिखाई देता है ...

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति .........

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  3. बहुत सुन्दर रचना ! प्रियतमा की अच्छी तारीफ़ है ....

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  4. तारीफ करूं क्या उसकी जिसने तुझे बनाया...

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  5. प्यार का बेहतरीन अंदाज़ अच्छा लगा

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  6. priyatam ki tarif ka is se behtarin andaz shyad aur kuch nahi ho sakta. sunder rachna. aabhar.

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  7. क्या कमाल,की रचना प्रिया की तारीफ सुंदर तरीके से की है ....शुभकामनायें

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  8. nice upendra ji....

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  9. behad khoobsurat rachna

    badhai kabule

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  10. बहुत खूब.... बेहतरीन ग़ज़ल....

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  11. दिल मे उतर जाने वाले भाव्……………बेहद उम्दा रचना। गज़ब की बात कह दी।

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  12. उनकी खूबसूरती की इतनी तारीफें होगी तो रचना खुद ब खुद सुन्दर हो जायेगी..

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  13. बेहतरीन रचना

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  14. बहुत गुमान रहता था----- बहुत अच्छी लगी रचना। बधाई।

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  15. भारत प्रशन मंच - 19 का सही जवाब
    http://chorikablog.blogspot.com/2010/11/blog-post_13.html
    ताऊ पहेली - 100 का सही जवाब
    http://chorikablog.blogspot.com/2010/11/100.html
    जाट पहेली- 24 का सही जवाब
    http://chorikablog.blogspot.com/2010/11/24.html

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  16. Jaare zarre pe tera naam ubhar aaya hai
    bahut khoob!
    212 1212 22
    rang is sher ka bhi bhaya hai
    Daad ke saath

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  17. आदरणीय उपेन्द्र जी
    नमस्कार !
    "ला-जवाब" जबर्दस्त!!
    हम तो आपकी भावनाओं को शत-शत नमन करते हैं.
    .शब्दों को चुन-चुन कर तराशा है आपने ...प्रशंसनीय रचना।

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  18. "माफ़ी"--बहुत दिनों से आपकी पोस्ट न पढ पाने के लिए ...

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  19. @ संजय जी , इतना बड़ा सम्मान देने के लिए आभारी हूँ

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